पीएम मोदी की सुरक्षा: SPG में सेना के जवान क्यों नहीं होते शामिल?
SPG (Special Protection Group) भारत के प्रधानमंत्री और अन्य विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण बल है।
SPG में तैनात कर्मियों का चयन खासतौर पर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों से किया जाता है, सेना के जवानों को शामिल नहीं किया जाता।
सेना का मुख्य कार्य बाहरी खतरों से देश की रक्षा करना है, जबकि SPG का फोकस आंतरिक सुरक्षा और VIP सुरक्षा पर होता है।
SPG के जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें VIP सुरक्षा, खुफिया जानकारी और आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल शामिल है।
SPG के कर्मियों का चयन उन लोगों में से किया जाता है जिनका पुलिस और सुरक्षा सेवा में लंबा अनुभव हो।
SPG जवानों का प्रशिक्षण और कार्यक्षेत्र सेना से पूरी तरह अलग होता है, जिसमें VIP सुरक्षा पर अधिक जोर दिया जाता है।
सेना के जवान युद्ध और सैन्य अभियानों के लिए प्रशिक्षित होते हैं, जबकि SPG के जवान सुरक्षा और खुफिया जानकारी के क्षेत्र में माहिर होते हैं।
SPG का गठन 1988 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ था, जिसमें केवल पुलिस और केंद्रीय बलों के जवान शामिल होते हैं।
सेना के जवान देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात होते हैं, जबकि SPG का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री जैसे महत्वपूर्ण लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।